Shree Radhakrishna Kavyanjali by Shaileshkumar Sursingbhai Baria is a scintillating poetry book published by SGSH Publications.
प्रस्तुत पुस्तक श्रीराधाकृष्ण की प्रेमगाथा और उनके परिशुद्ध प्रेम का वर्णन करती हुई कविताओ का काव्यसंग्रह है । प्रस्तुत पुस्तक में श्री राधाजी, श्रीकृष्ण, श्रीराधाकृष्ण, परिशुद्ध प्रेम, वृंदावन, कृष्ण बांसुरी, कृष्ण मोरपंख इत्यादि के विषयों पर विविध रस प्रदर्शित करती कविताये समाहित है ।
शैलेषकुमार सुरसिंगभाई बारीआ जिनका तखल्लुस ‘अष्मेश ‘शैमल’ है, वे सरकारी वाणिज्य कोलेज, वडाली, जिला : साबरकांठा, गुजरात राज्य में लेखाशास्त्र (Accountancy) विषय के मदद्निश प्राध्यापक के पद पर पिछले तीन सालों से कार्यरत है । अध्यापन क्षेत्र में उनका अनुभव कुल १३ सालों से भी अधिक है। सहलेखक के रूप में इन्होने २ पुस्तक लेखन में अपना योगदान दिया है, जिससे ‘शिक्षण में नाटक और कला’ तथा ‘Silence : The Noise of Heart’ शामिल है। शैलेष बारीआ गिटारिस्ट एवं बांसुरीवादक भी है।
Here is an interview with Shaisleshkumar Sursingbhai Baria:
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