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रंगों की जुबान – मीतू चोपड़ा

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कुछ ऐसी है रंगों की बोली,
चाहे हों रंक या हो सिंह हर कोई,
गाता इसका गान।

लाल रंग से मन की इच्छाएं,
आसमान तक पहुँच जाती है,
क्या जादू है इस रंग की बोली में,
एक कन्या को जैसे नये रंग मे डाल देता है,
कोई क्या ही इसकी परिभाषा को दोस्तों,
हर किसी इसकी तरफ खींचा चला आता है।

पिला रंग मे देखती सूर्य देव की लीला है,
क्या बताऊ इस रंग ने खुला खुशियों का द्वार है,
ये बढ़ाता आत्मविश्वास की क्रिया को हर बार है,
कोई क्या ही जाने इसके कितने प्रलाप है।

हरा रंग मे तो अपने जीवन का एक विशेष स्थान है,
ये रंग बताए हमारी जेब से हमको कितना प्यार है,
रंगों की इस बोली को जान लो यारों,
इस रग मे छुपा हमारा कितना ज्ञान है।

सफ़ेद बताए हमको मन की सुंदरता का विशेष स्थान है,
ये रंग करें दुखों का बड़े पार है,
हर रंग मे देखिये अभी तो ज़िंदगी मे होनी नई शुरुवात है।

नीला रंग का क्या कहना,
इस रंग से राजा आसमान बड़ा ही सुंदर दिखाई पड़ता है,
जुबान पर लगे चाहे कितने भी ताले हों,
ये खोलता हर बार है,
व्यापारिओं के लिए तो मनो करता यह जादू के समान है।

पर्पल रंग को गाता अपना अलग ही गुनगान ,
ये हम इंसानों को समझाए
अपने मन को पढ़ना बहुत ज़रुरी काम है,
ये रंग करें हमारे अंतर मन की शक्ति का विकास है,
ये रंग में पाये हमने बहुत ही सुंदर इसके लाभ है।

सतरंगी रंग मे छुपी वो उजली किरण,
जिसके परिणाम भगाया हमने अँधेरे से मन पर लगी छाप,
हर रंग का अपना ही अलग पहचान,
जिसका लाभ उठाओ दोस्तों बार बार।

हर रंग की अपनी अलग पहचान है,
जिसको जानते हम सभी इंसान है।

-मीतू चोपड़ा
@author_meetuchopra

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